Saturday, August 8, 2009

ग्यारह वचन

श्री साईं के ग्यारह वचन
जो शिर्डी में आएगा आपद दूर भगायेगा
चढे समाधी की सीढी पर पैर टेल दुःख की पीढी पर
त्याग शरीर चला जाऊंगा भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा
मन में रखना ढृढ विश्वास करे समाधी पूरी आस
मुझे सदा जीवित ही जानो अनुभव करो सत्य पहचानो
मेरी शरण खाली जाए हो तो कोई मुझको बताये
जैसा भाव रहा जिस जन का वैसा रूप हुआ मेरे मन का

भार तुम्हारा मुझ पर होगावचन मेरा झूठा होगा
सहायता लो भरपूरजो माँगा वह नही है दूर
१०मुझमें लीन वचन मन कायाउसका ऋण की चुकाया
११धन्य धन्य वह भक्त अनन्यमेरी शरन्तज जिसे अन्य